चेक लेने के बजाय , बिजली कंपनी नगद भुगतान पर दे रही जोर

प्रतीकात्मक क्षेत्र


एक तरफ सरकार ऑनलाइन पेमेंट को बढ़ावा दे रही है वहीं दूसरी तरफ बिजली विभाग कैश पेमेंट पर जोर दे रही  


 


 


उज्जैन शहर में विद्युत वितरण कंपनी चेक लेने के बजाय नगद लेनदेन पर अधिक जोर दे रही है यदि कोई व्यापारी चेक के माध्यम से बिल का भुगतान करना चाहता है तो वह चेक लेने से यह कहकर इंकार कर देती है की चेक बाउंस होने का डर अधिक रहता है लिहाजा व्यापारी नकद भुगतान बिलो का करें ।


 


 


कोरोना संक्रमण और महामारी के दौर में जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से लेकर सभी कार्यालय नकद लेनदेन को हतोत्साहित करने में लगे हैं, तब प्रदेश में बिजली कंपनी नकद बिल भुगतान को बढ़ावा दे रही है। कंपनी ने चेक से बिल भुगतान लेने पर रोक लगा दी है। मजबूरी में औद्योगिक क्षेत्र, केंद्रीय कार्यालय और घरेलू उपभोक्ताओं को नकद भुगतान करना पड़ रहा है। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।  


 


 


आयकर, कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज व जीएसटी सहित सभी केंद्रीय कार्यालयों और घरेलू व औद्योगिक उपभोक्ताओं ने जब बिजली का बिल चेक से भेजा तो चेक अमान्य कर दिए गए, उन्हें नकद भुगतान करने को कहा गया। बिजली कंपनी की ओर से कहा गया कि हमने चेक से भुगतान लेना बंद कर दिया है और ऑनलाइन भुगतान स्वीकार कर रहे हैं। 


 


 


 आरटीजीएस के जरिए ऑनलाइन भुगतान का बिजली कंपनी ठीक ढंग से रिकॉर्ड नहीं रखती।


 


 


कई मर्तबा ऐसा भी हुआ, जब बिल भुगतान होने के बावजूद कर्मचारी बिजली काटने पहुंच गए। चेक से भुगतान करने पर उपभोक्ता के पास दस्तावेजी सबूत मौजूद रहता है। हाल ही में आयकर विभाग सहित कुछ अन्य केंद्रीय कार्यालयों के चेक बिजली कंपनी ने लौटा दिए। इन कार्यालयों की ओर से इस पर आपत्ति भी जताई गई है। 


 


 


उपभोक्ताओं को ऑनलाइन पेमेंट करने में कई जगह दिक्कत आती है इसलिए वह चेक से करते हैं 


 


 


औद्योगिक क्षेत्र के उच्च-निम्न दाब उपभोक्ताओं का कहना है कि उनके कारखानों के बिल लाखों रुपये में आते हैं। वे यदि नकद भुगतान के लिए नोट गिनेंगे तो उनके साथ बिजली कंपनियों के कर्मचारियों पर भी कोरोना महामारी के संक्रमण का खतरा बना रहेगा। ऑनलाइन भुगतान में कई उपभोक्ताओं को दिक्कत आती है, इसलिए वे सभी चेक से बिल भुगतान देना चाहते हैं। 


 


 


बताया जाता है कि बिजली कंपनियों ने चेक पर इसलिए रोक लगा दी, क्योंकि जिन उपभोक्ताओं के चेक अमान्य होते हैं। उनका रिकॉर्ड रखने, डिमांड नोटिस भेजने और बिजली काटने की औपचारिकता बढ़ जाती है, इसलिए कंपनियों ने सभी उपभोक्ताओं के लिए रोक का फरमान जारी कर दिया।